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ज़्यादातर लोग ऐसे किसी न किसी इंसान को जरूर जानते होंगे, जो हर परिस्थिति को बेकार और नामुमकिन बना देते हैं। इस बात को पहचानना कि इस तरह के लोग मुश्किल और डिमांडिंग हैं, इससे आपको कोई फायदा नहीं मिलने वाला है, क्योंकि ये लोग कहीं से भी प्रॉब्लम जैसे नजर नहीं आते हैं। फिर चाहे ये प्रॉब्लम पर्सनालिटी डिसऑर्डर की वजह से हो या फिर किसी दूसरी छिपी हुई वजह से, आप ऐसे मुश्किल लोगों के साथ बातचीत करने का तरीका सीख सकते हैं और अपनी खुद की दिमागी सेहत को बनाए रख सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

मतभेदों को संभालना (Handling Conflicts)

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  1. शांत रहें और इस बात को समझें, कि आप कभी भी ऐसे असाध्य लोगों के साथ बहस में नहीं जीत सकते हैं—आखिर उन्हें किसी न किसी वजह से ही "असाध्य (मुश्किल)" कहा जाता है। उस असाध्य इंसान के मन में, आप एक प्रॉब्लम हैं और आप चाहे जो भी क्यों न बोलते रहें, लेकिन वो उस इंसान को आपके नजरिए को समझने के लिए तैयार नहीं कर सकता। उन्हें ऐसा लगता है, कि क्योंकि आप एक दोषी हैं, इसलिए आपकी राय उनके लिए कोई मायने नहीं रखती है।
    • आप जो भी बोलने वाले हैं, उसे बोलने से पहले उसके बारे में और इस बातचीत के पीछे आपका मकसद क्या है, के बारे में सोच लें। बस इसलिए, क्योंकि सामने वाले इंसान ने आपको नाराज किया है, एकदम बिना सोचे-समझे जवाब मत दे दें। आपको खुद को इस इंसान के सामने डिफ़ेंड करने की कोई जरूरत नहीं।
    • “तुम (you)” स्टेटमेंट्स की जगह पर “आई (I)” स्टेटमेंट्स यूज करें। उदाहरण के लिए, ऐसा मत बोलें, कि “तुम गलत हो।” ऐसा कहकर देखें, “मुझे ऐसा लगता है, कि यही एक स्टेटमेंट अकेला सारी सच्चाई नहीं हो सकता।” ये उन्हें नाराज किए और पूरी तरह से गलत बताए बिना, अपने मन की बात को कहने में आपकी मदद करेगा।
  2. किसी पल की गर्माहट में शांत रहना, आपके पर्सनल बचाव के लिए सबसे अच्छा रहता है। नाराजगी में कुछ कहना, रोने जैसे भारी इमोशन्स के साथ रिएक्ट करना, ये सिर्फ उस असाध्य इंसान को और भी ज्यादा मुश्किल बर्ताव करने के लिए उकसाएगा। उस असाध्य इंसान के रिएक्शन को अपने ऊपर मत लें और साथ ही उसे रिएक्शन देने में खुद को भी एकदम इमोशनल होने से रोकें।
    • खुद को उस परिस्थिति से इमोशनली अलग कर दें और उसे एकदम बेपरवाही के साथ ट्रीट करें। यहाँ पर असली मकसद खुद को उस बातचीत में इमोशनली शामिल नहीं करना, उस इंसान को एक दूरी पर रखना और शब्दों की वजह से खुद को बुरा महसूस नहीं कराना है।
    • आपके बीच में जिस भी वजह से बहस छिड़ी थी, उसके अलावा किसी दूसरी चीज़ के ऊपर फोकस करते हुए उस परिस्थिति या बातचीत को किसी पॉज़िटिव दिशा में मोड़ दें। मौसम, फिशिंग, उस इंसान की फैमिली के बारे में—ऐसा कुछ भी, जो बहस से ध्यान भटका सके और मतभेद को और आगे तक न बढ़ाए, के बारे में बात करें।
    • इस सच्चाई को मत भूलें, कि नाराजगी में आप जो भी कुछ करते हैं या कहते हैं, उसे आपके खिलाफ यूज किया जा सकता है। अगर आपको आने वाले कई सालों के बाद, किसी से एकदम बहुत दिल दुखाने वाले कमेन्ट को सुनने में कोई परेशानी नहीं है, तो फिर इसे जाने दें। असाध्य लोग चाहते हैं, कि आप ऐसा कुछ बोल दें, जिससे साबित हो जाए, कि आप एक बुरे इंसान हैं।
    • वो इंसान चाहे आपको कितना भी नासमझ क्यों न लग रहा हो, लेकिन तब भी उसे सही या गलत के तराजू में न तौलें। उसे जज करना आपको केवल और भी बदतर फील कराएगा।
  3. अगर मुमकिन हो, तो असाध्य इंसान के साथ असहमत न हों। उनके साथ सहमति दिखाने के तरीके तलाश कर लें, नहीं तो उन्हें इग्नोर कर दें। उनके साथ बहस करना, आपको सिर्फ उस परिस्थिति में इमोशनली शामिल कर देगा और आपको लड़ो या मरो वाले रिस्पोंस देगा। ये आपके लिए स्पष्ट रूप से सोच पाना और सही ढ़ंग से रिस्पोंड कर पाना मुश्किल बना देगा।[१]
    • असाध्य लोग बस झगड़े की तलाश में ही रहते हैं, इसलिए जब भी आप उनके साथ में सहमति दिखाते हैं या उनकी कही हुई बात में कुछ सच्चाई मानते हैं, तब आप उन्हें, उनकी इच्छा की चीज नहीं दे रहे होते हैं। मान लीजिए, अगर आपको एक "मूर्ख" बोला जाता है, तो भी कुछ मत बोलें और ऐसे किसी टाइम के साथ इसकी हामी भरें, जब आपने बहुत बुरी तरह से बर्ताव किया था। ये एक ओवरजनरलाइजेशन को करेक्ट करता है।[२]
  4. इस बात को महसूस करें, कि शायद आपके बीच उचित ढ़ंग से बातचीत न हो सके: असाध्य इंसान के साथ में सभ्य तरीके से बातचीत हो पाना जरा सा मुश्किल या यूं कहें, कि नामुमकिन काम है। बीते हर उस वक़्त को याद करें, जब आपने उस असाध्य इंसान के साथ में अपने रिश्ते के बारे में सभ्यता के साथ बात करने की कोशिश की थी। इसकी जगह पर शायद आपको ही हर चीज़ के लिए दोषी ठहरा दिया गया था।
    • शांति का इस्तेमाल करें या फिर जब भी आप से हो सके, तो ह्यूमर का इस्तेमाल करें। इस बात को समझें, कि आप उस असाध्य इंसान को "ठीक" नहीं कर सकते हैं। इस तरह के लोग कारण को सुन नहीं सकते और सुनते नहीं है।
    • बहस में एक तरफ किए जाने से बचें। उस इंसान के साथ में अकेले ही सामना मत करने लग जाएँ। हमेशा किसी तीसरे इंसान को भी शामिल करने की सलाह दी जाती है। अगर वो इंसान इससे मना कर दे, तो आप उसकी माँग करें।
  5. उन्हें इग्नोर करें: असाध्य लोग हमेशा अटेन्शन पाना चाहते हैं, इसलिए एक बार उन्हें समझ आ जाए, कि आप उन्हें वो नहीं देने वाले हैं, जिसकी उन्हें चाहत है, फिर वो ऐसे किसी इंसान की तरफ चले जाते हैं, जो उनकी बातों पर रिएक्ट करेगा। उनके मामले से दूर रहें, उनके रास्ते में मत आएँ और उनसे या उनके बारे में बातें करने से बचें।
    • असाध्य लोगों की नाराजगी एकदम छोटे बच्चे की झुंझलाहट की तरह हुआ करती है। जब तक उनका ये प्रकोप तबाही फैलाने वाला, खतरनाक या डरावना नहीं बन जाता, तब तक उनकी तरफ कोई ध्यान मत दें। असाध्य लोगों के ऊपर नाराजगी जताने या उन्हें नाराज होने की कोई भी वजह देने से बचने के लिए अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर लें।
  6. आपके सामने मौजूद किसी अकेले असाध्य इंसान के साथ या एक पूरे ग्रुप के साथ परेशानी के बारे में ऐसे सवाल पूछना, कि "प्रॉब्लम क्या है?" या "तुम इस तरह से क्यों फील कर रहे हो?" मददगार हो सकता है। ये ऐसा दिखाता है, कि आप बातचीत में शामिल हो रहे हैं और असहमति के पीछे की वजह को पाने के ऊपर काम करने को तैयार हैं। तर्कहीनता को उजागर करने के लिए, असाध्य व्यक्ति की स्थिति को फिर से परिभाषित करने से, व्यक्ति को बेहतर निष्कर्ष पर आने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
    • इस बात को जानें, कि वो असाध्य इंसान नेम-कॉलिंग, ब्लेमिंग (दोषारोपण), सब्जेक्ट को या दूसरे व्यवहारों को बदलने के साथ, सब कुछ को जटिल करने का प्रयास करके, पूछे गए सवाल का जवाब दे सकता है।
  7. वो असाध्य इंसान, जिससे आप बात कर रहे हैं, अगर वो इंसान आपकी नाक में दम किए हुए है, तो फिर आपको उस परिस्थिति से फौरन बाहर निकलना होगा। वो शायद आपको नाराज होता हुआ देखना चाहते होंगे, लेकिन आप उन्हे ऐसा दिखा दें, कि आपके ऊपर कोई असर ही नहीं पड़ रहा है। वहाँ से दूर निकल जाना या किसी दूसरे काम में शामिल हो जाना, ताकि आप अपने आप को शांत कर सकें, अच्छा आइडिया हो सकता है।
    • अगर आपको जरूरत हो, तो धीमे-धीमे टेन (दस) तक काउंट करें।
    • वो इंसान अगर अभी भी असाध्य ही बना हुआ है, तो फिर उसे इग्नोर कर दें। वो इंसान जब देखेगा, कि वो तो आपको नाराज कर ही नहीं पा रहा है, तो आखिर में वो खुद ही शांत हो जाएगा।
  8. अपनी राय को कॉन्फ़िडेंस के साथ जाहिर करें और बात करते वक़्त उस इंसान की आँखों में देखें। आपको इनमें से किसी भी इंसान के सामने कमजोर नहीं नजर आना है। अगर आप नीचे जमीन पर या फिर उनके कंधों पर देखेंगे, तो वो इसे आपके कमजोर होने की निशानी मान लेगा। आपको डरपोक नहीं, बल्कि वाजिब नजर आना है।
  9. कभी-कभी आप परिस्थिति को नहीं छोड़ सकते हैं, इसलिए इसे एक गेम की तरह समझ लें। उस असाध्य इंसान की स्ट्रेटजी को सीख लें और टाइम से पहले ही उस स्ट्रेटजी को पलटने का तरीका खोज लें। आखिर में, आपको मालूम हो जाएगा, कि क्या काम करता है और क्या नहीं, साथ ही जब आपको महसूस होगा, कि आप तीन कदम आगे चल रहे हैं, आप बेहतर फील करेंगे, उन्हें हर समय चतुराई से मात देंगे। बस अपने आखिरी लक्ष्य को याद रखना, आपको उस इंसान का मास्टर बनने में नहीं, अपने आप को मेंटली फ्री करने में मदद करेगा।
    • अगर वो असाध्य इंसान आपके करीब आता है और आप से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने की चाह रखते हुए, लोगों के सामने आप से कुछ नेगेटिव बातें करता है और सीन क्रिएट करता है, तो ज़ोर से बोलें, “क्या तुम सच में यहाँ पर इसके बारे में बात करना चाहते हो?” ये उन्हें सरप्राइज़ कर देगा और एक पूरे ग्रुप के सामने नेगेटिविटी दिखाने के लिए रोकेगा।
    • अगर आपका प्लान आपके सोच के हिसाब से काम नहीं करे, तब के लिए हमेशा अपने एक्शन के संभावित परिणाम सोचकर रखें, ताकि आप इसके लिए भी तैयार रहें।
    • वो असाध्य इंसान अभी भी आप तक पहुँचने का कोई तरीका तलाश लेता है, तो बुरा मत महसूस करें। जो भी हुआ उसके बारे में एक नोट बनाकर रख लें और अगली बार के लिए नई स्ट्रेटजी तैयार करके रखें।
    • असाध्य लोग इतने भी असाध्य नहीं होते, कि आप ये अनुमान लगा सकें, कि वो व्यक्ति आगे क्या करने या कहने जा रहा है।
  10. अपनी पोजीशन को लेकर अवगत रहें, आपके कैसे मूव करते हैं और उन लोगों के आसपास आपके फेशियल एक्स्प्रेशन कैसे होते हैं। हम बिना बोले भी अपने कई सारे इमोशन्स को जाहिर कर देते हैं। आपको अनजाने में अपनी फीलिंग्स को सामने उजागर नहीं करना है। साथ ही, ये आपको शांति की अपने सेंस को मेंटेन रखने में भी मदद करेगा और इस प्रोसेस के दौरान शायद उस असाध्य इंसान के ऊपर एक शांति का असर भी डालेगा।
    • आप चाहें तो अपने शरीर के बारे में और ज्यादा अवगत होने के लिए माइंडफुलनेस (mindfulness) का यूज भी कर सकते हैं, जो आपको और आसानी से आपकी बॉडी लेंग्वेज को समझने देता है।
    • आराम से बोलें और जितना हो सके, उतना शांति से मूव करें। "स्लो-टॉक (slow talk)" नाम की टेक्निक यूज करें। अपनी बोलने की स्पीड को 1/3 से कम करके, आप ज्यादा क्लियर और शांत साउंड करेंगे। आप जान-बूझकर धीमी स्पीड में ज़ोर से पढ़ते हुए स्लो टॉक की प्रैक्टिस कर सकते हैं।
    • बहुत ज्यादा देर तक आइ कांटैक्ट बनाए रखना, अग्रेसिव जेस्चर, उस इंसान के चेहरे के सामने एकदम सीधे पॉइंट करना या खड़े होने जैसी डराने वाली बॉडी लेंग्वेज से दूर रहें। अपने चेहरे के ऊपर न्यूट्रल एक्स्प्रेशन रखें, अपने सिर को मत हिलाएँ और उस इंसान की पर्सनल स्पेस से दूर रहें।[३]
विधि 2
विधि 2 का 4:

परिस्थिति को स्वीकार करना (Accepting the Situation)

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  1. इस बात को समझें, कि ये शायद कंपेटिबिलिटी का मामला भी हो सकता है: फिर चाहे कोई इंसान बाकी के लोगों के साथ अच्छी तरह से ही क्यों न घुलता-मिलता हो, लेकिन तब भी वो आपके लिए एक असाध्य इंसान हो सकता है। कुछ लोग एकदम एकदम झगड़ालू होते हैं या दूसरों के साथ में अच्छी तरह से मिल नहीं पाते हैं। आपमें से किसी में भी कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन आप दोनों मिलकर एक-दूसरे के बदतर पहलू को सामने ले आते हैं।
    • जब कोई असाध्य इंसान इस तरह का कोई स्टेटमेंट देता है, "बाकी तो हर कोई मुझे पसंद करता है," तब वो सारे दोष को आपके ऊपर डालने की कोशिश कर रहे होते हैं। वो दूसरे लोगों के साथ में किस तरह से बर्ताव करते हैं, ये एकदम अलग बात है, क्योंकि ये आप दोनों के एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के तरीके में प्रॉब्लम है। याद रखें, कि दोष डालना सच्चाई को नहीं बदल सकता है।
  2. जहां तक हो सके, “असाध्य (impossible)” गुणों को पाने से बचें: आप आपके आसपास के लोगों के बर्ताव को चुन लेते हैं। इसी वजह से, आप खुद को ऐसे ही उन सारे गुणों को ले लेते हैं, जिन्हें आप उस वक़्त पर पसंद नहीं कर रहे होते हैं। शायद आप उस असाध्य इंसान को रिस्पोंस देने के तौर पर इसी तरह के कंट्रोल करने वाले और तर्कहीन बर्ताव करने लगें। आप जब ऐसा करने लगें, तब खुद को पकड़ें और इस तरह के अपमानजनक लक्षणों को न दोहराने की कोशिश करें।
  3. असाध्य लोग बहुत जीवन के बहुत मूल्यवान अनुभव दिया करते हैं। असाध्य लोगों के साथ सामना कर लेने के बाद, आप दूसरे लोगों के साथ ज्यादा आसानी से घुलने मिलने लग जाएंगे। नजरिया बनाए रखने की कोशिश करें और इस बात को महसूस करें, कि जो बात आपको अजीब लग रही है, वो शायद उस इंसान का सामना करने का एकमात्र तरीका हो सकता है। इस बातचीत को फ्लेक्सिबिलिटी, ग्रेस और टोलरेंस जैसी स्ट्रेंथ को बनाने के तरीके के तौर पर लेने की कोशिश करें।
    • उस इंसान के मेच्योरिटी लेवल को तय करते वक़्त उस इंसान की उम्र, इंटेलिजेंस या ज़िंदगी की स्थिति से भटकने से बचें।
  4. अगर आपने सफलतापूर्वक उस असाध्य इंसान को ये मानने के लिए मना लिया है, कि उसने कोई गलती की है, तो उनका अचानक ही इमोशनल ब्रेकडाउन होगा। वो हमेशा ही सही होते हैं,इसे मानने के बजाय, वो तय करेंगे, कि अगर वो अभी इस वक़्त सही नहीं हो सके, तो वो हमेशा ही गलत ही होंगे। ये दूसरे लोगों से सहानुभूति लेने का एक तरीका है।
    • कुछ असाध्य लोग सरप्राइज़ और कनफ्यूज करने के चलते अनिश्चित व्यवहार का उपयोग करेंगे। ऐसा भी हो सकता है, कि उन्होने इसकी उम्मीद ही न की हो। इस तरह के बिना सोचे-समझे बर्ताव की वजह से खुद को डराने की अपनी आदत पर रोक लगाएँ।[४]
    • इन लोगों की ऐसी एक्टिंग, जैसे कि उन्हें सताया जा रहा है, ऐसे बर्ताव से खुद को कनफ्यूज मत करने दें। अगर उन्हें अपने किए किसी काम का सच में पछतावा होगा, तो पॉज़िटिव तरीके से रिस्पोंड करें, लेकिन इस तरह से आपको मेनिपुलेट करने के तरीके के लिए, उन्हें बढ़ावा मत दें।
  5. काफी लोगों के कुछ देकर खुद को बचाने वाले गुण होते हैं, इसलिए ऐसी ही किसी चीज़ के बारे में सोचकर देखें। ऐसी कोई चीज तो जरूर होगी, जिसे वो इंसान अच्छी तरह से करता है या फिर शायद ऐसा कोई बीता हुआ वक़्त होगा, जब आपने उसके साथ में जुडने में सफल रहे थे। अगर आप कुछ भी पॉज़िटिव नहीं सोच पा रहे हैं, तो फिर अपने आप को काबू में रखने के लिए मदद पाने के लिए, खुद से ही ऐसा कोई स्टेटमेंट बना लें, “सभी की ज़िंदगी बहुत कीमती है” या "भगवान/ये दुनिया उससे प्यार करती है" —फिर भले ही आप उनसे कोई प्यार न करते हों या न ही आपको उनकी कोई परवाह हो।
  6. अगर आप ऐसे किसी इंसान को जानते हैं, जिसे परिस्थिति के बारे में बेहतर समझ हो (अच्छा फ्रेंड, रिलेटिव, काउंसलर, बगैरह), तो उस इंसान से इसके बारे में बात करें। वो शायद आपको समझेंगे और बेहतर फील करने में ये जरूर आपकी मदद करेगा। और भी बेहतर होगा, अगर आपको सुनने वाला इंसान, उस असाध्य इंसान को पर्सनली न ही जनता हो और वो भी उसी परिस्थिति में शामिल (उदाहरण के लिए, वो एक को-वर्कर नहीं है) न हो।
    • अगर आपको जरूरत हो, तो एक जर्नल में या ऑनलाइन कम्यूनिटी में अपना मन खाली कर दें।
    • अपनी फीलिंग्स शेयर करना, फिर चाहे वो किसी और इंसान के साथ हो या फिर एक जर्नल में, नेगेटिव इमोशन्स को दूर करने में आपकी मदद करेगी।
विधि 3
विधि 3 का 4:

खुद को बचाना (Protecting Yourself)

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  1. किसी ऐसे इंसान के सामने अपनी एक पॉज़िटिव सेल्फ-इमेज बनाए रखना, जो आपको एक गलत इंसान समझता है, काफी मेहनत का काम लगता है। वो असाध्य इंसान क्या बोलता है, उसे सुनने के बजाय, ऐसे लोगों की तरफ ध्यान दें, जो आपको अच्छा मानते हैं और आपको अच्छा फील कराते हैं। इस बात को समझ लें, कि असाध्य इंसान खुद को बेहतर फील कराने के लिए, आपको दुखी करना चाहता है।
    • इस बात को समझ लें, कि असली परेशानी आप नहीं, बल्कि वो असाध्य इंसान है। ऐसा कर पाना जरा मुश्किल जरूर लग सकता है, क्योंकि असाध्य इंसान अपना दोष दूसरों पर थोपने में और सारा दोष सिर्फ आपका ही है, आपको ऐसा महसूस कराने में बहुत माहिर हुआ करते हैं। लेकिन अगर आप अपनी गलतियों और कमियों की ज़िम्मेदारी ले लेते हैं और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश में जुट जाते हैं, तब आपके असाध्य इंसान नहीं होने का एक बहुत अच्छा मौका है।
    • जब भी आपको दुख पहुंचाने के मकसद से कोई बात कहते हैं, तो इस बात को महसूस कर लें, कि वो जो भी कुछ करते हैं, वो सिर्फ इसलिए किया करते हैं, ताकि लोग कहें, कि वो कितने अच्छे हैं। इस बात को जान लें, कि आपको इस तरह के सत्यापन की कोई जरूरत नहीं है।
    • अगर इन्सल्ट के पीछे की असल में कोई वजह ही नहीं है, तो बस उन्हें नजरअंदाज कर दें। आप उतने भी बुरे नहीं हैं, जितना कि वो असाध्य इंसान आपको और बाकी सभी को भरोसा दिलाना ​​चाहेगा।
  2. असाध्य लोग अक्सर पर्सनल इन्फोर्मेशन यूज करने के तरीके तलाशते रहते हैं, फिर चाहे वो आपके खिलाफ कितना ही कम या छोटा क्यों न नजर आए। वो आपके द्वारा की हुई जरा सी बात को भी नमक-मिर्च लगाकर, और तोड़-मरोड़कर ऐसी कोई कहानी बना लेते हैं, जिससे आप एक बुरे इंसान नजर आएँ। मेनिपुलेशन (manipulation) में एक्सपर्ट के तौर पर, असाध्य लोग आपके सामने एकदम खुली किताब बनने में और आप उन्हें अपनी सारी बातें बना सकें, ऐसा बनने के लिए बहुत अच्छे भी होते हैं।
    • असाध्य इंसान को सारा कुछ पर्सनल मत बता दें, फिर चाहे वो आपको कितना ही नॉर्मल क्यों न लग रहा हो या फिर वो आपके सामने एक फ्रेंड की तरह ही क्यों न बर्ताव कर रहा हो। आपके द्वारा कॉन्फ़िडेंस में बोली या शेयर की हुई बातें, अचानक वापस आकर आपकी पर्सनल या प्रोफेशनल लाइफ को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  3. उनसे एकदम अलग बन जाएँ: एक “साध्य (possible)” इंसान होना, आपको और आपकी लाइफ को सहनशक्ति, धैर्य, दयालुता और मानवता का उदाहरण बना देता है। हमेशा एक सही इंसान बनने की कोशिश करें। निष्कर्ष पर आने से पहले कहानी के सभी पक्षों पर विचार करें।
    • ठीक उसी तरह, जैसे नेगेटिव बर्ताव हम सब के अंदर नेगेटिविटी भर सकता है, वैसे ही एक सहनशील, धैर्यवान और दयालु इंसान भी कभी-कभी सामने वाले को भी बेहतर बनने के लिए उकसा सकता है।
    • इस बात को मन लें, कि आप परफेक्ट नहीं हैं। आपको हमेशा सब-कुछ सही करने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन अपनी तरफ से बेस्ट ट्राई करें। हमेशा रिस्पेक्टफुल बनें और अगर इसके बदले में आपको रिस्पेक्ट नहीं मिलती है, तो समझ लें, कि ये उस असाध्य इंसान की परेशानी है और इसमें आपका कोई हाँथ नहीं। आपके भी, आपकी लाइफ में मौजूद बाकी सभी लोगों की तरह कभी अच्छे दिन आएंगे और कभी बुरे दिन भी।
  4. फिर चाहे आप उस असाध्य इंसान को अपनी डेली लाइफ में अवॉइड नहीं भी कर पाते हैं, फिर भी अपने "बचने वाले" मौकों पर उसके बारे में मत सोचा करें। याद रखें, हमेशा ही उस इंसान के बारे में चिंता करते रहने का मतलब ठीक वही है, जैसे आप अपनी ज़िंदगी के कीमती समय को उस इंसान को देते जा रहे हैं, और उसे तो इसके बारे में कोई फिक्र ही नहीं। दूसरी एक्टिविटी करें और नए फ्रेंड्स बनाएँ; इस तरह से आप बार-बार उस इंसान के द्वारा बोली हुई बात या किए हुए किसी काम के बारे में सोचकर अपना वक़्त बर्बाद करने से बच जाएंगे।
    • अपने विचारों को, आप अपनी लाइफ में क्या नहीं चाहते हैं, के बजाय आप अपनी लाइफ में क्या पाना चाहते हैं, के ऊपर लगा दें। ये आपको फोकस्ड बने रहने में और नेगेटिव होने की बजाय, पॉज़िटिव बने रहने में मदद करेगा।
  5. इस बात को भी जानें, कि शायद आप किसी इमोशनल अब्यूसर (emotional abuser) का सामना भी कर रहे हो सकते हैं: इमोशनल अब्यूसर उनके एक्शन और शब्दों से आपको आहत कर सकते हैं। वो आपको उनके ऊपर डिपेंडेंट बनाए रखने के लिए, अपमान, उपेक्षा, आलोचना, वर्चस्व, दोष, मांग और इमोशनली दूर करने जैसे स्ट्रेटजी का यूज करते हैं। कभी-भी इमोशनल अब्यूसर की बोली हुई बातों को खुद की पहचान मत बनने दें। ऐसा समझ लें, कि वे जो बातें कहते और करते हैं, वो उनके अनसुलझे बचपन की वजह से है या फिर बीते वक़्त में हुई किसी परेशानी की वजह से है, जिसे अब वो आप पर डालना चाहते हैं।[५]
    • आपके लिए ऐसे में बेहतर रहेगा कि आप एक दयालु या फ्रेंडली इंसान बनकर रहें, फिर भले वो असाध्य इंसान नेगेटिव अटेन्शन पाने के लिए एक बेवकूफ इंसान की तरह ही क्यों न बर्ताव कर रहा हो।
    • वो इंसान अगर अकेला है, लेकिन उसे मालूम नहीं, कि लोगों का ध्यान कैसे पाया जाए, तो वो आपके द्वारा की जाने वाली चीज की सराहना करेगा और बदल जाएगा।
    • अगर वो इंसान एक ऐसा बेवकूफ है, जिसे दूसरे लोगों को परेशान करने में मजा आता है, तो फिर आपके द्वारा किए जा रहे काम से वो इंसान नाराज हो जाएगा, ऐसा इसलिए, क्योंकि उसे उस वक़्त आपको परेशान करने का और दूसरा तरीका समझ नहीं आ रहा होगा। आखिर में वो इंसान आपको अकेला छोड़ देगा।
    • कुछ मंल्न में, ऐसा इंसान, जो इस तरह के बर्ताव करता है, वो एक सोशिओपैथ (मनोरोगी) माना जाता है। एक सोशिओपैथ शुरुआत में शायद बहुत चार्मिंग लग सकता है, लेकिन बहुत जल्दी वो कंट्रोल करने वाला, अब्युसिव इंसान और ईगोसेंट्रिक बन जाएगा। जैसे कि उनमें दया नाम की चीज़ नहीं होती है, इसलिए उन्हें आपकी कोई परवाह भी नहीं होती है।[६]
  6. नियम बना लें, कि रिश्ते में क्या और क्या नहीं सहन किए जाने वाला है। इस बात को तय करें, कि आप दोनों में से कोई भी किसी खास विषय, इवैंट, लोगों को सामने नहीं लाएगा या न ही किसी खास तरह से बर्ताव करेगा। असाध्य इंसान के साथ में बैठना और उन्हें बताना, कि क्या सही और क्या नहीं ठीक होने वाला है और सीमाओं को लाँघने पर क्या होने वाला है, के ऊपर बात करना मददगार हो सकता है। अब उन्हें इन नियमों को मानना है या नहीं, इस फैसले को उन्हीं पर छोड़ दें।
    • कुछ विचार लिख लें और अपनी चाहतों और जरूरतों को अपने मन में रख लें। उस इंसान के साथ बैठ जाएँ और बात करना शुरू कर दें। अगर वो बीच में रोकते हैं, तो उन्हें रोक दें और तब तक अपनी बात बोलते रहें, जब तक कि ये पूरी न हो जाए। ईमानदार रहें। अगर जरूरत हो, तो उन्हें अल्टिमेटम (टाइम) दें, लेकिन बुरे बर्ताव को बदलने के फायदे पर ध्यान बनाए रखें।
    • अगर आप उस असाध्य इंसान के साथ में पर्सनल रिलेशनशिप में बने रहने का फैसला करते हैं, तो फिर जहां तक हो सके, खुद के साथ बने रहने की कोशिश करते रहा करें। एक हॉबी तलाश लें, किसी सपोर्ट ग्रुप को जॉइन कर लें या फिर अपने धर्म पर ध्यान दें।[७]
    • सीमाओं को अगर लाँघा जाए, तो उसके परिणामों को निभाने की पुष्टि कर लें। किसी भी चीज़ को यूं ही मत जाने दें। अगर आपने कहा था, कि आप दरवाजे के बाहर जाएंगे, तो फिर चले जाएँ।
  7. आखिर में, आपको अपने आप को उस असाध्य इंसान से अलग करना पड़ेगा। फिर भले ही आप उसके फैमिली मेम्बर हैं, आपको कभी-न कभी तो उसे छोड़ना ही पड़ेगा। किसी असाध्य इंसान के साथ में लंबे वक़्त तक रिश्ता बनाए रखना ठीक नहीं रहता। आप से जितना जल्दी हो सके, उस इंसान को अपनी लाइफ से बाहर निकाल दें।
    • उस असाध्य इंसान को छोड़ने के बाद, उससे दूर रहें। कोई फर्क नहीं पड़ता, कि आप उस इंसान को कितना प्यार करते हैं या फिर वो आपको ये अहसास कराना चाहते हैं, कि वो अब बदल चुके हैं, आपको वापस उनके पास नहीं जाना है।
    • अगर आप उसे छोड़ नहीं सकते या फिर आप उस असाध्य इंसान को आप से दूर नहीं भेज पा रहे हैं, तो जब तक आप इसे फिजिकली न कर सकें, तब इस रिश्ते को दिमाग से निकाल दें।
    • एक असाध्य इंसान के साथ अपने रिश्ते को छोड़ना करना शुरुआत में दर्दनाक हो सकता है, लेकिन एक बार आप अपनी पुरानी आदतों से पीछा छुड़ा लें, फिर आप खुद को बड़ी आसानी से इससे आजाद कर लेंगे।
विधि 4
विधि 4 का 4:

पर्सनालिटी टाइप्स के साथ में डील करना (Dealing With Personality Types)

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  1. पता लगाने की कोशिश करें, कि आपको उस इंसान का क्या परेशान करता है: हम सभी के अंदर अपनी पर्सनालिटी के कुछ खास गुण हुआ करते हैं, जिन्हें दूसरे कुछ शब्दों में डिस्क्राइब करते हैं। कुछ लोग क्लिंगी (चिपकू टाइप के), कंट्रोल करने वाले, विक्टिम कार्ड खेलने वाले (खुद को लाचार बताने वाले), बहुत ज्यादा अग्रेसिव, बहुत ज्यादा ड्रामेटिक या बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धी हुआ करते हैं। अगर आप उस असाध्य इंसान की पर्सनालिटी में मौजूद उस गुण की पहचान कर सकते हैं, जो आप से अलग है, तो आप उसके साथ निपटने के लिए कुछ खास तरीकों को समझ पाने में कामयाब हो सकते हैं।[८]
    • क्लिंगिंग (Clinging) टाइप इनसिक्योर हो सकता है और क्योंकि वो खुद को कमजोर मानते हैं और दूसरों को अपने से स्ट्रॉंग समझते हैं, इसलिए ये लगाव और प्यार पाने के लिए बेताब हुआ करते हैं।[९]
    • कंट्रोलिंग (Controlling) टाइप्स अक्सर परफेक्शनिस्ट हुआ करते हैं, जिनके लिए हमेशा सही होना बहुत मायने रखता है और अक्सर अपने बर्ताव के लिए दूसरों पर दोषा डाला करते हैं।[१०]
    • कोम्प्टिटिव (Competitive) टाइप हमेशा जीतना चाहते हैं और ये खुद को किसी चीज में बेहतर साबित करने के लिए किसी भी तरह के रिश्ते, बातचीत या एक्टिविटी कभी एक कॉन्टेस्ट के रूप में इस्तेमाल कर लेते हैं।[११]
    • पेसिव अग्रेसिव (Passive-aggressive) लोग अक्सर दूसरे लोगों के जरिए अपनी शत्रुता को दर्शाते हैं। एक उदाहरण ये है, "मेरे बारे में चिंता मत करो, मैं ठीक हूँ," जबकि आपको मालूम है, कि आप जो भी कर रहे हैं, उसे करने के बाद में, कभी-न-कभी उससे परेशानी खड़ी होने वाली है।
  2. कुछ तरह के लोगों के ऊपर कुछ चीज़ें काम किया करती हैं, वहीं कुछ के ऊपर नहीं भी करती हैं। असाध्य इंसान के ऊपर क्या काम करता है और क्या नहीं, इसे पता लगाने के लिए आपको कई चीजों को ट्राई करके देखना पड़ता है और उसमें फेल भी होना पड़ता है। ऐसा होना भी मुमकिन है, कि आपको पता चले कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे करके आप उस इंसान के साथ में आसानी से निपट सकें।
    • क्लिंगिंग टाइप को अवॉइड करना, उन्हें सिर्फ और ज्यादा ज़ोर लगाकर कोशिश करने के लिए उकसाता है। हालांकि, सबके सामने उन्हें रिजेक्ट करना, उन्हें आपका दुश्मन बना सकता है। अगर आप उनसे दूर-दूर रहेंगे, तो उनकी फीलिंग्स हर्ट हो सकती हैं।[१२]
    • कंट्रोलिंग टाइप के लिए, आप कभी साबित नहीं कर सकते हैं, कि वो गलत हैं और आप सही। उन्हें हमेशा लगता है, कि वो ही सही हैं,फिर चाहे कुछ भी क्यों न हो जाए और बेहतर काम करना भी किसी क्रिटिकल परफेक्शनिस्ट को आपकी सराहना करने पर मजबूर नहीं कर सकता।[१३]
    • ऐसे लोग,जो बहुत ज्यादा कोम्प्टिटिव होते हैं, वो जो भी देखते हैं, उसे आपकी कमजोरी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, इसलिए उनके आसपास अपने इमोशन्स मत दिखाएँ। अगर आप उनके सामने खड़े होते हैं और जीतने की कोशिश करते हैं, तो फिर या तो वो आपको पूरी तरह से छोड़ देंगे या फिर इसे कभी नहीं जाने देते हैं।[१४]
    • शिकायत करने वालों के साथ कभी भी सहमति मत जताएँ या न ही उन्हें खुश करने की कोशिश करें। वो किसी और बात पर नाराज हो जाएंगे।
    • विक्टिम्स लोग चाहते हैं, कि लोग उनके लिए सॉरी फील करें। उन्हें सहानुभूति मत दें और न ही उन्हें कोई बहाना बनाने दें। प्रेक्टिकल बनें और किसी और तरीके से उन्हें हेल्प करने की कोशिश करें।[१५]
  3. आप चाहें तो नेगेटिव पहलू से निपटने के लिए कुछ खास तरह की पर्सनालिटी टाइप्स के साथ में काम कर सकते हैं। मतभेदों को सुलझाने में और रिश्ते में मौजूद स्ट्रेस को कम करने और कमजोरियों को सुधारने के लिए, उनकी स्ट्रेंथ को मदद के तौर पर यूज करें। इस तरह से कुछ पर्सनालिटी के साथ में डील करना, शायद कुछ पॉज़िटिव रिजल्ट्स पेश कर सकता है।
  4. क्लिंगी (चिपकू), कंट्रोलिंग और कोम्प्टिटिव टाइप्स के साथ में डील करें: समझें, कि आखिर क्यों कुछ लोग ऐसे बर्ताव करते हैं। चिपकू टाइप के लोगों को कॉन्फ़िडेंस हासिल करने में मदद पाने के लिए गाइडेंस और ज़िम्मेदारी लेने की जरूरत हुआ करती है। वो लोग, जो कंट्रोलिंग होते हैं, वो अपनी खुद की किसी कमी की वजह से इनसिक्योर और डरे हुए हुआ करते हैं। कोम्प्टिटिव लोगों को अक्सर अपनी खुद की इमेज की बहुत परवाह होती है, इसलिए एक बार जीत जाने के बाद ये बहुत ही अच्छे और उदार हो सकते हैं।
    • क्लिंगी टाइप के लोगों को चीजों को करने का तरीका दिखाएँ और फिर उन्हें खुद ही इसे समझने दें। उन्हें कभी भी आपको इस बात पर भरोसा मत दिलाने दें, कि क्योंकि आप उसे बेहतर तरीके से करते हैं, इसलिए वो उसे कर ही नहीं सकते। उन परिस्थितियों की तलाश करें, जब आपको मदद की जरूरत पड़े और फिर उन्हीं से मदद की माँग करें।[१६]
    • घबराएँ नहीं या कंट्रोलिंग टाइप्स आप से जो भी कहते हैं, उसे अपने पर मत लें। आप जब अच्छा काम करें, तब उसे स्वीकारें, लेकिन अगर वो कुछ और कहें, तो उनसे बहस भी मत करें।[१७]
    • आप वैसे तो कोम्प्टिटिव टाइप को हमेशा सिर्फ जीतने ही दे सकते हैं। अगर आपका उनके साथ में डिस्कसन हो रहा है, और वो हार ही नहीं मान रहे हैं, तो उनकी पोजीशन को स्वीकार करें और ज्यादा रिसर्च करने के लिए टाइम मांगें।[१८]
  5. सेल्फ-इंपोर्टेंट (खुद को ही अहमियत देने वाले), शिकायत करने वाले या विक्टिम्स के साथ डील करें: इस बात को समझें, कि सिर्फ खुद को ही अहमियत देने वाले लोग सिर्फ लोगों को उन्हें सुनता हुआ महसूस करना चाहते हैं। ऐसे लोग, जो बहुत ज्यादा शिकायत करते हैं, उनके अंदर किसी अनसुलझे मुद्दे की वजह से बहुत ज्यादा गुस्सा भरा हुआ रहता है और अक्सर उन्हें भी उन्हें सुनने वाले लोगों की जरूरत होती है। वो लोग, जो विक्टिम प्ले करते हैं, वो हमेशा उनके साथ में गलत चीज़ें होने देते हैं, ताकि उनके पास में किसी चीज़ को हासिल न करने के पीछे की कोई वजह मौजूद रहे।
    • अगर आप किसी खुद को ही अहमियत देने वाले इंसान के साथ में डील कर रहे हैं, तो सिर्फ उन्हें ही सुनते रहें।[१९]
    • जो लोग बहुत ज्यादा शिकायत करते हैं, उनके साथ में रहें, उनके अंदर चल रही भावना को स्वीकार करें और जहां तक हो सके, उन से दूर ही रहने की कोशिश करें।[२०]
    • विक्टिम्स के देर से आने या परेशानी खड़ी करने के पीछे की वजह को नजरअंदाज कर दें और ठीक वैसे ही रिएक्ट करें, जैसे आप किसी बिना बहाना देने वाले इंसान के लिए करते। आप उन्हें एड्वाइस दे सकते हैं, लेकिन उनके साथ में इमोशनली शामिल मत हो जाएँ।[२१]
  6. नाटक करने वाले (हिस्ट्रीआनिक/histrionic) और पेसिव-अग्रेसिव टाइप्स के साथ डील करें: हिस्ट्रीआनिक पर्सनालिटी टाइप्स के लोग सिर्फ अटेन्शन के लिए ही जीते हैं और उसे पाने के लिए किसी भी हद तक भी जा सकते हैं। उन्हें सही लोगों के करीब रहना होता है, अच्छे कपड़े पहनने होते हैं और उनके बच्चों को अच्छे स्कूल में भेजना होता है। पेसिव-अग्रेसिव लोग अक्सर विरोधी होते हैं, क्योंकि वो नहीं जानते कि अपनी इच्छा और जरूरतों को प्रभावी ढंग से कैसे व्यक्त किया जाए।
    • सेक्स या जेंडर बावजूद, हिस्ट्रीआनिक लोगों को अक्सर "ड्रामा क्वीन" कहा जाता है। इन लोगों के ड्रामा और इमोशनल रोलरकोस्टर में फँसने से बचें। उन्हें सुनें, लेकिन अपनी तरफ से भरपूर दूरी बनाए रखें।
    • बर्ताव और परेशानी की वजह बनी परिस्थिति के बारे में एकदम स्पेसिफिक होकर पेसिव-अग्रेसिव इंसान के साथ डील करें। फिर उनके विरोधी स्वभाव के प्रति कोई भी प्रतिक्रिया दिए बिना प्रॉब्लम को दर्शाने की कोशिश करें। सीमाएं बनाएँ और उस इंसान को उसकी जरूरतों और चाहतों को व्यक्त करने के लिए एंकरेज करें और साथ ही दावे के साथ में बातें पूछने के बारे में सीखें।[२२]

सलाह

  • अगर आपको लगता है, कि आप शायद एक असाध्य इंसान हो सकते हैं, फिर आप शायद पहले ही अपने आप को असाध्य इंसान की तरह पहचानने की ओर एक कदम उठा चूके हैं। ओपन माइंड के साथ दूसरे लोगों के राय के ऊपर विचार करना सीखें। अपनी खुद की राय भी रखें, लेकिन इस बात को मान लें, कि बस इसलिए, क्योंकि ये आपकी राय है, इसी वजह से ये सही नहीं बन जाती।
  • शांत और ठहरे हुए रहें, लेकिन अगर आप काम के वक़्त किसी मुश्किल इंसान के साथ डील कर रहे हों, तब सार्केज़्म (व्यंग्य करने) से बचें। आप शायद आपका जॉब भी खो सकते हैं या फिर आपके बारे में शिकायत की जा सकती है, इसलिए जहां तक हो सके, प्रोफेशनल बने रहने की कोशिश करें।
  • समाधान के रूप में हिंसा का सहारा कभी न लें।

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विकीहाउ के बारे में

Julia Lyubchenko, MS, MA
सहयोगी लेखक द्वारा:
लाइसेंस्ड कॉउंसलर
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Julia Lyubchenko, MS, MA. जूलिया लबचैनको लॉस एंजेलिस कैलिफोर्निया में स्थित एक एडल्ट काउंसलर और हिप्नोथेरेपिस्ट हैं। वह Therapy Under Hypnosis नाम का सेण्टर चलाती हैं और प्रैक्टिस करती हैं। जूलिया को काउंसलिंग एवं थेरेपी का 8 से अधिक वर्षों का एक्सपीरियंस है और वह इमोशनल एंड बिहेवियर जैसी समस्याओं को सुलझाने में विशेषज्ञता रखती हैं। इन्होंने Bosurgi Method School से क्लीनिकल हिप्नोसिस का सर्टिफिकेट हासिल किया है और वह साइकोडायनेमिक फिजियोथैरेपी और हिप्नोथेरेपी में सर्टिफाइड हैं। इन्होंने एलियांट इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से काउंसलिंग साइकोलॉजी एंड मैरिज एंड फैमिली थेरेपी में MA और मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंट एंड चाइल्ड साइकोलॉजी में MSc किया है। यह आर्टिकल ६५,४४५ बार देखा गया है।
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