Property Knowledge: क्या है चल संपत्ति? अचल संपत्ति में आती हैं कौन-कौन सी चीजें, समझिए दोनों का अंतर
Property Knowledge: संपत्ति को लेकर कई जानकारियां हैं जो किसी भी व्यक्ति को मालूम होना जरूरी है. अचल और चल संपत्ति के ब ...अधिक पढ़ें
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नई दिल्ली. संपत्ति से जुड़े कई कानून होते हैं जो आम लोगों की समझ से बाहर होती हैं. उन्हें केवल कानूनी समझ रखने वाले ही समझ सकते हैं. चल-अचल संपत्ति को लेकर भी लोगों को इसी तरह की कन्फ्यूजन होती है. आज हम आपको संपत्ति से जुड़ी जानकारी देंगे. जो घर या कोई प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपके बेहद काम आ सकती है. आखिर जीवन की सारी पूंजी लगाकर प्रॉपर्टी खरीदी जाती है. इसके लिए जरूरी है पहले आपको यह पता हो संपत्ति कितने प्रकार की होती है. तो बता दें संपत्ति दो प्रकार की होती है. एक चल संपत्ति और दूसरी अचल संपत्ति.
आज हम आपको अचल और चल संपत्ति के बारे में (Difference between Immovable and Movable Property) और उसके बीच अंतर व इससे संबंधित कानूनी अधिकारों के बारे में बताएंगे. वैसे तो इसके लिए आपको किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत नहीं है. लेकिन खरीदने से पहले आप एक्सपर्ट की राय ले सकते हैं.
किसे कहते हैं चल और अचल संपत्ति (Know Movable and Immovable Property)
ऐसी संपत्ति जो एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं ले जाई जा सकती उसे अचल संपत्ति कहते हैं, जैसे घर, मकान, दुकान, कारखाना आदि. अब अगर चल संपत्ति की बात करें तो ऐसी संपत्ति जिसे एक जगह से दूसरे जगह पर आसानी से ले जाया जा सके, उसे चल संपत्ति कहते हैं, जैसे गाड़ी, गहनें, लैपटॉप आदि इस तरह की चीजें. अचल संपत्ति को आमतौर पर रियल एस्टेट – आवासीय घर, गोदाम, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट या कारखाना माना जाना जाता है. जमीन से जुड़े पौधे या पेड़ भी अचल संपत्ति के अंतर्गत आते हैं. अचल संपत्ति के मामले में, इनपर कानूनी नियम तथा टैक्स भी लगता है.
चल और अचल संपत्ति में अंतर
ऐसी संपत्ति जो जमीन से नहीं जुड़ी होती यानी जिसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है उसे चल संपत्ति कहा जाता हैं. इसे चलयमान संपत्ति भी कहते हैं. चल संपत्ति के लिए पंजीकरण की जरूरत नहीं होती है. जबकि अचल संपत्ति का मूल्य 100 रुपये से अधिक है तो पंजीकरण अधिनियम 1908 के तहत इसका पंजीकरण जरूरी है. चल संपत्ति को आसानी से बांटा जा सकता है जबकि अचल संपत्ति का विभाजन आसानी से नहीं किया जा है. अचल संपत्ति को बिना वसीयत किये या बिना गिफ्ट या बिना बंटवारा किये किसी को नहीं दिया जा सकता है. जबकि चल संपत्ति को आसानी से किसी को भी दिया जा सकता है.
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