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प्रयाण गीत

4.7
2

पथिक तू चलता चल देश का नव निर्माण लक्ष्य हो और साहस का ले संबल । पथिक---------0                        तव कर्तव्य पुकार रहा                     लक्ष्य खोल आगोश खडा थक कर बेठना शर्मनाक यदि देश ...

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pramod pathak
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    08 জুন 2021
    बहुत अच्छी सीख वाह वाह
  • author
    दीपक राय
    05 জুন 2021
    बहुत खूबसूरती से मन केभाव व्यक्त किए....
  • author
    06 জুন 2021
    बहुत सुन्दर👍👌
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    08 জুন 2021
    बहुत अच्छी सीख वाह वाह
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    दीपक राय
    05 জুন 2021
    बहुत खूबसूरती से मन केभाव व्यक्त किए....
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    06 জুন 2021
    बहुत सुन्दर👍👌