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वो देश के विरुद्ध हैं तभी तो रुद्र क्रुद्ध हैं। हो

वो देश के विरुद्ध हैं तभी तो रुद्र क्रुद्ध हैं।
हों विचार शुद्ध जो तो ना कहीं भी युद्ध हैं।
भ्रात तुम रखो ही नींव हों विचार शुद्व की-
हैं विचार ही गलत जो नीति के विरुद्ध हैं।।

भारत भूषण झा "भरत"
वो देश के विरुद्ध हैं तभी तो रुद्र क्रुद्ध हैं।
हों विचार शुद्ध जो तो ना कहीं भी युद्ध हैं।
भ्रात तुम रखो ही नींव हों विचार शुद्व की-
हैं विचार ही गलत जो नीति के विरुद्ध हैं।।

भारत भूषण झा "भरत"