शौर्य

क्यों आज हवा नम है

शायद कोई तो रंज है

ये रंज-ए-गम का तो पता नहीं

तेरे अंदर कोई कलशोर है ! 

मुस्कराकर भी मुस्करा नहीं पाया

वोह बड़ा अजीब सा लम्हा लगा

क्योंकी गिद्गिदाता हुआ आया

और चला जैसे कोई शौर्य |

SHAURYA

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