शौर्य Posted on June 12, 2014 by Pooja क्यों आज हवा नम है शायद कोई तो रंज है ये रंज-ए-गम का तो पता नहीं तेरे अंदर कोई कलशोर है ! मुस्कराकर भी मुस्करा नहीं पाया वोह बड़ा अजीब सा लम्हा लगा क्योंकी गिद्गिदाता हुआ आया और चला जैसे कोई शौर्य | Rate this:Share this:TwitterFacebookLike Loading... Related