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राजस्थान: टोंक में बहुसंख्यक समाज के लोग पलायन से बचाने की क्यों लगा रहे गुहार?

यहां अल्पसंख्यक समुदाय की बस्तियों से सटे बहुसंख्यक समुदाय के लोग इन दिनों अपने आपको असुरक्षित मानते हुए एक अलग तरह का आंदोलन छेड़े हुए हैं. बहुसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा अपने आपको असुरक्षित बताते हुए अपने-अपने घरों पर पोस्टर चिपका अन्यत्र पलायन से बचाए जाने की गुहार लगायी गयी है.

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बहुसंख्यक समाज के लोग बोल रहे- पलायन करने को मजबूर
बहुसंख्यक समाज के लोग बोल रहे- पलायन करने को मजबूर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बहुसंख्यक समाज के लोगों की पलायन से बचाने की गुहार
  • राजस्थान के टोंक में कई परिवार ने लगाए पोस्टर
  • कई सालों से चल रहा बवाल, नहीं कोई समाधान

वर्ष 1992 में सांप्रदायिक दंगों का दंश झेल चुके टोंक जिले के मालपुरा कस्बे की फिज़ा एक बार फिर से बदली-बदली नज़र आ रही है .यहां अल्पसंख्यक समुदाय की बस्तियों से सटे बहुसंख्यक समुदाय के लोग इन दिनों अपने आपको असुरक्षित मानते हुए एक अलग तरह का आंदोलन छेड़े हुए हैं. बहुसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा अपने आपको असुरक्षित बताते हुए अपने-अपने घरों पर पोस्टर चिपका अन्यत्र पलायन से बचाए जाने की गुहार लगायी गयी है.

क्या है ये पूरा मामला?

ये गुहार प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा देश के प्रधानमंत्री से भी लगायी गयी है. अपनी इसी असुरक्षा की भावना को लेकर वार्ड 12 व  शुरू हुई पलायन की चेतावनी की आग अब वार्ड संख्या 19,20,23व  27में भी नज़र आने लगी है और वहां भी कई मकानों पर इसी तरह के पोस्टर चिपके नज़र आने लगे हैं. ग़ौरतलब है कि 1992 के सांप्रदायिक दंगों के बाद अल्पसंख्यक बस्तियों में या फिर उनके समीप रहने वाले कई बहुसंख्यक परिवार अपने पुश्तैनी मकानों को बेच अन्य बस्तियों में बस चुके हैं.

किस बात पर छिड़ा बवाल?

अब सवाल उठता है कि इतने सालों बाद अचानक से क्यों बहुसंख्यक परिवार सड़क पर उतर आए हैं. बता दें कि ये मामला जैन मौहल्ले में रहने वाले एक ब्राह्मण परिवार द्वारा अपना मकान एक अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति को बेचे जाने से शुरू हुआ. यहां रहने वाले जैन परिवारों का मानना है कि यदि यह परिवार यहां रहने आ जाता है तो भविष्य में कभी भी यह विवाद का कारण बन सकता है. ऐसे में इस मकान की रजिस्ट्री को निरस्त किया जाना चाहिये, साथ ही भविष्य में किसी भी बहुसंख्यक परिवार के मकान को अल्पसंख्यक को बेचे जाने की प्रकिया पर रोक लगायी जानी चाहिए .बहुसंख्यकों द्वारा लगातार अपनी इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं.

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बहुसंख्यक समुदाय द्वारा उठायी जा रही मांग को लेकर तहसीलदार मालपुरा ओमप्रकाश जैन का कहना है कि कानून में किसी भी धर्म का व्यक्ति कहीं भी संपत्ति ख़रीद या बेच सकता है. ना ही तो बेचने वाले को और ना ही ख़रीदार को धर्म के आधार पर रोका या प्रतिबंधित किया जा सकता है.

पुलिस ने क्या एक्शन लिया?

वहीं दूसरी तरफ लगातार दो दिनों तक चले इस तरह के प्रदर्शनों के बाद अब उपखंड प्रशासन व पुलिस का रवैया सख्त होता नज़र आ रहा है. पुलिस व प्रशासन का मानना है कि इससे मालपुरा कस्बे के सांप्रदायिक सौहर्द्र को ना सिर्फ ख़तरा हो सकता है बल्कि वर्षों से यहां दोनों समुदायों के बीच बने विश्वास के माहौल में भी फिर से दरार पड़ सकती है. फिलहाल मालपुरा थाना पुलिस नें अपनी ओर से आईपीसी की धारा 143,181,269,270के अलावा महामारी व आपदा अधिनियम के तहत 7 लोगों को नामजद करते हुए 50 से अधिक अन्य लोगों के विरूद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर दी है.

मनोज तिवारी की रिपोर्ट

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