उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण कितना गंभीर मुद्दा? देखें श्वेता सिंह की ग्राउंड रिपोर्ट.
फूड इंडस्ट्री में प्लास्टिक का कितना इस्तेमाल होता है ये सभी जानते हैं और सब ये भी जानते हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण से लेकर इंसानों के लिए कितनी हानिकारक है. लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी ने अब इसका एक बायोडिग्रेडेबल विकल्प खोजा है. आजतक के साथ देखें ये खास रिपोर्ट.
आगर मालवा जिले में सिपाही बंटी धाकड़ पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश कर रहे हैं. दरअसल, पौधे लगाना और उसकी देखभाल करना उनके रोज का काम है. इसके साथ ही वह लोगों को पौधे लगाने के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं. पिछले छह साल में अबतक उन्होंने करीब एक हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं. इसके अलावा लोगों को प्रोत्साहित कर पौधे लगवा रहे हैं.
भारत में कुल मिलाकर 13,874 तेंदुए हैं. सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में हैं. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तेंदुओं की आबादी की नई रिपोर्ट जारी की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हाई प्रोफाइल COP28 समिट में भाग लिया. इस दौरान संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री ने पांच साल बाद होने वाले अगले समिट (COP33) की मेजबानी का प्रस्ताव दिया. उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि इस समिट की अगली मेजबानी करने का मौका हमें मिले.
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. गुरुवार को AQI का स्तर 392 था, जो शुक्रवार को बढ़कर 500 के पार हो गया. ऐसे में जानते हैं कि क्या हैं वो कारण जिससे दिल्ली में हर साल बढ़ने लगता है वायु प्रदूषण?
दिल्ली में प्रदूषण के लिए अरविंद केजरीवाल पहले पंजाब और हरियाणा की सरकारों को जिम्मेदार बताया करते थे. अब तो पंजाब में भी AAP की सरकार बन गयी, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण का हाल नहीं बदला - हां, आम आदमी पार्टी का राजनीति पैंतरा जरूर बदल गया है.
हिमालय के ग्लेशियर पिछले दस सालों की तुलना में 65 फीसदी ज्यादा तेजी से पिघल रहे हैं. साल 2100 तक 75 से 80% ग्लेशियर पिघल जाएंगे. जानिए अगर ऐसा होता है तो दुनिया में कैसा बदलाव नजर आएगा.
5 जून को दुनियाभर में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. जिस तरह से दुनियाभर में क्लाइमेट चेंज का असर देखा जा रहा है उसके बाद तो पर्यावरण को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ती जा रही है. भारत में भी बॉलीवुड से लेकर कारोबार जगत तक हर कोई इसमें अपना योगदान देने में लगा है.
भारत और उसके आसपास के 16 देशों पर बड़ी मुसीबत आने की चेतावनी क्यों दी गई?
वेस्टर्न रेलवे द्वारा मुंबई में एक बढ़िया कदम उठाया गया है. यहां के दावारा खार और नायगांव रेलवे स्टेशनों के पास मिनी पवन चक्कियां स्थापित की गई हैं. ये मिनी पवन चक्कियां 1 किलोवाट से 10 किलोवाट के बीच बिजली पैदा कर सकती हैं. आइए जानते हैं डिटेल्स.
पर्यावरण से जुड़े क्राइम से अपराधी हर साल 110 अरब से 280 अरब डॉलर के बीच मुनाफा कमा रहे हैं. यूरोपोल (Europol) के मुताबिक, ड्रग्स और नकली सामानों के बाद ये तीसरा सबसे मुनाफा देने वाला अपराध है. सबसे खतरनाक बात है कि पर्यावरण से जुड़े अपराध न तो ज्यादा गंभीर लगते हैं, और न ही उसका पता लगता है.
आपके DNA से किसी भी समय डेटा चोरी हो सकता है. आपकी पूरी डिटेल निकाली जा सकती है. क्योंकि इंसान पूरी धरती पर अपने डीएनए गिराते हुए चल रहे हैं. आपका, आपके परिवार का, रिश्तेदारों का सबकी जानकारी हासिल की जा सकती है. पूरी धरती इंसानी डीएनए की डंपिंग यार्ड बन गई है.
असम के कामरूप में सोमवार शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 रही है. बीते कुछ सालों में भूकंप आने का सिलसिला लगातार जारी है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में बेहद कम अंतराल में भूकंप महसूस किए जा रहे हैं. बीते महीने ही दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस हुए थे.
इंसानों के कटे हुए बाल बड़े काम के होते हैं. ये सिर्फ विग बनाने के काम नहीं आते. बल्कि इनका इस्तेमाल अब नई चीजों में हो रहा है. बेल्जियम में इन्हें रिसाइकिल करके इनका डोरमैट बनाया जा रहा है. इससे पर्यावरण को भी फायदा है. वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप... ये डोरमैट कितने काम का है.
देश में पानी की क्वालिटी खराब होती जा रही है. केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि देश के लगभग सभी राज्यों के ज्यादातर जिलों के हिस्सों में ग्राउंड वाटर में जहरीली धातुओं की मात्रा तय मानक से ज्यादा पाई गई हैं. सरकार ने बताया है कि देश के 209 जिलों में ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक और 491 जिलों में आयरन की मात्रा ज्यादा मिली है. इनके अलावा सीसा, यूरेनियम, क्रोमियम और कैडमियम की मात्रा भी ग्राउंड वाटर में ज्यादा मिली है.
कैलीफॉर्निया से आ रही इस खबर ने वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. कैलिफोर्निया के 6.7 प्रतिशत जंगल खत्म हो चुके हैं. कहा जा रहा है कि पिछले 37 सालों में लॉस एंजलिस से साढ़े 3 गुना ज़्यादा बड़ा इलाका स्वाहा हो चुका है.
मात्र 20 साल में चिली की यह खूबसूरत झील सूख कर रेगिस्तान बन गई है. कभी इस झील में 38 हजार ओलंपिक स्वीमिंग पूल के बराबर पानी था. पर अब शायद दो ही स्वीमिंग पूल भरे जा सकें. या वो भी नहीं. वजह है जलवायु परिवर्तन.
वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि पृथ्वी पर सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा कब और कैसे आई थी. इसपर एक शोध किया गया, जिससे पता चला कि ऑस्ट्रेलिया की सेडिमेंट्री चट्टानों की गहराई में इसके राज छिपे हुए हैं.
ये तो दुनिया को पहले से पता है कि गायों से मीथेन गैस का उत्सर्जन (Methane Emissions) होता है. लेकिन इस उत्सर्जन को पहली बार सैटेलाइट की मदद से देखा भी गया है. कैलिफोर्निया में, एक खेत जहां गाय चरा करती हैं, वहां से मीथेन उत्सर्जन साफ देखा जा सकता है.