भारत में हिंदू बहुसंख्यक इसलिए अल्पसंख्यकों को कमज़ोर माना जाए: अल्पसंख्यक आयोग - प्रेस रिव्यू
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को उचित ठहराया है.
अमर उजाला अख़बार में छपी ख़बर के अनुसार, आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि भारत में अल्पसंख्यकों को 'कमज़ोर वर्ग' माना जाना चाहिए क्योंकि यहां हिंदू बहुसंख्यक हैं.
दरअसल आयोग का यह जवाब एक हिंदू संगठन के छह सदस्यों की उस याचिका पर आया है जिसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए विशेष योजनाओं और अल्पसंख्यक आयोग के गठन पर आपत्ति जताई गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे में आयोग ने कहा है कि भारत में जहां बहुसंख्यक समुदाय का दबदबा है, वहीं अल्पसंख्यकों को भारत में अनुच्छेद-46 के तहत कमज़ोर वर्ग के तौर पर माना जाना चाहिए. इसके तहत राज्य का यह दायित्व है कि वह कमज़ोर वर्गों के शैक्षणिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा दे.
आयोग ने कहा कि अगर सरकार द्वार संख्यात्मक रूप से छोटे या कमज़ोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान नहीं किए गए तो बहुसंख्यकों द्वारा ऐसे समूह को दबाया जा सकता है.
आयोग ने कहा कि विशेष योजना बनाने वाले सांविधानिक प्रावधान जाति आधारित पहचान तक सीमित नहीं हो सकते, इसमें धार्मिक अल्पसंख्यक भी निश्चित रूप से शामिल होने चाहिए, जिससे कि समाज में सभी वर्गों की व्यावहारिक समानता सुनिश्चित की जा सके.
नीरज शंकर सक्सेना समेत छह लोगों की तरफ़ से दाख़िल याचिका में अल्पसंख्यकों के लिए केंद्र की ओर से विशेष योजनाएं चलाने को ग़लत बताया गया था.
याचिका में कहा गया था कि इन योजनाओं के लिए सरकारी ख़ज़ाने से 4700 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है जबकि संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है.
कश्मीर में पत्थरबाज़ी में शामिल लोगों को नहीं मिलेगा पासपोर्ट
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जम्मू-कश्मीर पुलिस की सीआईडी विंग ने आदेश जारी किया है कि जो भी लोग पत्थरबाज़ी या हिंसा के लिए उकसाने वाली अन्य घटनाओं में शामिल रहे हैं उनके पासपोर्ट और दूसरी सरकारी सेवाओं के लिए आवश्यक सिक्योरिटी क्लीयरेंस न दिया जाए.
अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के अनुसार, यह आदेश कश्मीर की सीआईडी स्पेशल ब्रांच के एसएसपी ने जारी किया है.
आदेश में सभी फ़ील्ड यूनिट्स को निर्देश दिया गया है कि जो भी कर्मचारी किसी शख़्स के पासपोर्ट, नौकरी और अन्य दूसरी सरकारी योजनाओं के सत्यापन की जांच करे तो ख़ासतौर से उसके लॉ एंड ऑर्डर, पत्थरबाज़ी के मामले और सुरक्षा को ख़तरे में डालने के मामलों को ध्यान से देखे.
आदेश में लिखा है, "इसकी पुष्टि स्थानीय पुलिस स्टेशन रिकॉर्ड से भी की जाए."
एसएसपी ने साथ ही यह भी कहा है कि सत्यापन के दौरान सीसीटीवी फ़ुटेज, तस्वीरें, वीडियो और ऑडियो क्लिप के साथ-साथ पुलिस, सुरक्षाबलों और सुरक्षा एजेंसियों के ज़रिए आसमान से ली गई तस्वीरों को भी देखा जाए.
कश्मीर सीआईडी-एसबी के एसएसपी ने कहा, "कोई भी अगर ऐसे मामलों में शामिल पाया जाता है तो उसे सिक्योरिटी क्लीयरेंस देने से मना कर दिया जाए."
असम-मिज़ोरम विवाद सैटेलाइट मैपिंग से हल करेगा केंद्र
असम-मिज़ोरम के बीच सीमा विवाद के बाद अब केंद्र सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सैटेलाइट मैपिंग का इस्तेमाल करेगी.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू में भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सीमाओं के निर्धारण और इस तरह के विवाद को हल करने के लिए केंद्र सरकार सैटेलाइ मैपिंग पर भरोसा करेगी.
पिछले सप्ताह दो राज्यों के बीच सीमा विवाद के कारण हुई गोलीबारी में पांच लोगों की जान गई थी.
अख़बार का कहना है कि दो राज्यों के पुलिस बलों के बीच 26 जुलाई को हुई गोलीबारी की 'तटस्थ जांच' करने की केंद्र सरकार की फ़िलहाल कोई योजना नहीं है. इस गोलीबारी की घटना में असम पुलिस के 5 जवानों की मौत हुई थी जबकि 50 लोग घायल हुए थे.
अधिकारियों ने अख़बार को बताया है कि इलाक़े में हालात वापस सामान्य करने और भरोसा बढ़ाना ज़रूरी है, इसलिए सीधे केंद्र के निर्देश से सीआरपीएफ़ वहां पर पेट्रोलिंग कर रही है.
एक अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्य सरकारें केंद्र को सहयोग कर रही हैं और उन्होंने भरोसा दिलाया है कि अब आगे सीमा को लेकर कोई हिंसा नहीं होगी.
पंजाब चुनाव में सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करेगी आम आदमी पार्टी
पंजाब विधानसभा चुनाव में मज़बूती के साथ उतरने की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी (आप) मुख्यमंत्री पद के लिए जल्द चेहरा घोषित कर सकती है.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट में बताया गया है कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पंजाब से पार्टी विधायकों और प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की.
सीएम आवास पर हुई इस बैठक में आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान अधिकतर विधायकों ने जल्द-से-जल्द पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की मांग की.
सभी लोगों की राय पर केजरीवाल ने सीएम चेहरे के बारे में जल्द घोषणा करने का फ़ैसला लिया है. सीएम का चेहरा कौन होगा अभी पार्टी ने इस बारे में स्पष्ट नहीं किया है. मगर यह तय है कि सीएम चेहरा पंजाब से ही होगा.
कोविड-19 की तीसरी लहर की शुरुआत अगस्त से?
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की शुरुआत अगस्त में देखी जा सकती है.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के अनुसार, तीसरी लहर के दौरान रोज़ाना तक़रीबन 1 लाख मामले सामने आ सकते हैं जो हालात ख़राब होने की सूरत में डेढ़ लाख भी हो सकते हैं.
अख़बार ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है. इस रिपोर्ट में आईआईटी हैदराबाद और कानपुर के शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि तीसरी लहर की शुरुआत का चरम अक्तूबर में देखा जा सकता है.
एक शोधकर्ता ने ब्लूमबर्ग को बताया कि कोविड-19 की स्थिति केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अधिक मामलों के सामने आने के बाद और ख़राब हो सकती है.
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