शिवराज सरकार ने आते ही नियुक्ति कर दी थी निरस्त, मामला हाई कोर्ट जबलपुर में है विचाराधीन
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजे त्यागपत्र में कहा कि आयोग की कार्यकारिणी को भंग करने का प्रयास कर उसे न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझाकर काम नहीं करने दिया जा रहा है। ऐसे में पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए त्यागपत्र दे रही हूं।
कमल नाथ सरकार ने मार्च 2020 में राज्य महिला आयोग सहित अन्य आयोगों में नियुक्तियां की थीं। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कमल नाथ सरकार द्वारा आनन-फानन में की गई राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त कर दिया।
राज्य महिला आयोग संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत गठित आयोग है, इसलिए अध्यक्ष को प्रशासकीय आदेश से नहीं हटाया जा सकता है। इस आधार पर शोभा ओझा सहित आयोग की सदस्यों की ओर से हाई कोर्ट, जबलपुर में याचिका दायर की गई और न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए।
ओझा ने बताया कि इसके बाद भी हमें काम नहीं करने दिया गया। आयोग के कार्यालय स्थित हमारे कमरों में ताले लगा दिए। किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। सभी अधिकार छीन लिए गए हैं। इस परिस्थिति में चाहकर भी महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकार के लिए आयोग कुछ नहीं कर पा रहा है, इसलिए पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।
आयोग की सदस्य संगीता शर्मा ने बताया कि नियुक्ति आदेश को निरस्त करने के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई है। अब जुलाई में फिर सुनवाई होगी।
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