Dhar News: जनसंघ के संस्थापक सदस्य की धरा धार से कांग्रेस को हमेशा मिली चुनौती
Dhar News: प्रसिद्ध स्थानों वाला संसदीय क्षेत्रः राजा भोज की नगरी और ऐतिहासिक स्थल मांडू व बाग की गुफाएं भी इसी क्षेत्र का हिस्सा, नए पर्यटन स्थल के रूप में डायनासोर पार्क भी तैयार।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 18 Jan 2024 08:33 AM (IST)
Updated Date: Thu, 18 Jan 2024 08:54 AM (IST)
HighLights
- ऐतिहासिक, पुरातात्विक व प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों से समृद्ध धार जिला देश-प्रदेश में प्रसिद्ध है।
- धार जनसंघ के संस्थापक सदस्य स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की जन्म व शिक्षास्थली रहा है।
- चौथी लोकसभा गठन के लिए वर्ष 1967 में हुए चुनाव में धार सीट को एसटी वर्ग के लिए आरक्षित घोषित किया गया था।
Dhar News: प्रेमविजय पाटिल, धार। ऐतिहासिक, पुरातात्विक व प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों से समृद्ध धार जिला देश-प्रदेश में प्रसिद्ध है। धार भोजशाला, राजा भोज से जुड़े स्थान, आनंद की नगरी मांडू और बाग की गुफाओं के साथ ही डायनासोर काल के जीवाश्म मिलने की वजह से तो यह चर्चित रहता ही है, राजनीतिक रूप से भी धार की ख्याति कम नहीं है।
धार जनसंघ के संस्थापक सदस्य स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की जन्म व शिक्षास्थली रहा है। चौथी लोकसभा गठन के लिए वर्ष 1967 में हुए चुनाव में धार सीट को एसटी वर्ग के लिए आरक्षित घोषित किया गया था। इसमें बड़वानी विधानसभा सीट जो खरगोन जिले का हिस्सा थी, को भी शामिल किया गया था। तब से लेकर वर्ष 2019 तक हुए 14 लोकसभा चुनावों में यहां से आठ बार भाजपा (जनसंघ-जनता पार्टी सहित) व छह बार कांग्रेस के सांसद निर्वाचित हुए हैं।
वर्ष 1967 में धार के मतदाताओं ने भारतीय जनसंघ के भारत सिंह को कांग्रेस नेता जमुना देवी के विरुद्ध जीत दिलवाकर अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया था। आदिवासी मतदाता बहुल इस क्षेत्र में उस दौर में कांग्रेस की जड़ें गहरी थीं लेकिन इस करारी हार की चर्चा तब प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी हुई थी। जमुना देवी वर्ष 1962 से 1967 तक रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की सांसद रह चुकी थीं। धार सीट से चुनाव हारने के बाद जमुना देवी ने कुक्षी विधानसभा सीट से प्रदेश की राजनीति में कदम रखा। वे प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष से लेकर उप मुख्यमंत्री तक बनीं।
भौगोलिक रूप से धार संसदीय क्षेत्र दो हिस्सों में बंटा है। आधा मालवा घाट के ऊपर पठारी क्षेत्र में आता है। जबकि आधा हिस्सा घाट के नीचे का निमाड़ अंचल में आता है। यहां की राजनीति में घाट के नीचे वालों का ही वर्चस्व रहा है। 14 चुनावों में मात्र एक बार वर्ष 2019 में कांग्रेस ने ऊपरी क्षेत्र के बदनावर से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में दिनेश गिरवाल को मैदान में उतारा था लेकिन वे सर्वाधिक मतों से चुनाव हार गए थे। लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं लेकिन प्रत्याशी चयन में सर्वाधिक नौ बार मनावर विधानसभा क्षेत्र का दबदबा रहा।
कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवार और तीन का संयोग
धार लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों के साथ तीन का अनूठा संयोग हैं। तीन उम्मीदवार तीन-तीन बार चुनाव जीते हैं। भारतीय जनसंघ-जनता पार्टी के भारत सिंह (वर्ष 1967, 1971 व 1977) और भाजपा के छतर सिंह दरबार (वर्ष 1996, 2004 व 2019) में सांसद रहे। कांग्रेस की ओर से गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी वर्ष 1998, 1999 व 2009 में सांसद रह चुके हैं।
एकमात्र महिला सांसद और केंद्र में एक ही मंत्री
वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद इस लोकसभा सीट में कुछ बदलाव हुआ। बड़वानी अलग जिला बनने से यह क्षेत्र खरगोन लोकसभा सीट में जुड़ गया। जबकि धार सीट में इंदौर लोकसभा क्षेत्र के डा. आंबेडकर नगर (महू) विधानसभा क्षेत्र को जोड़ दिया गया। यहां से अब तक एकमात्र महिला सांसद भाजपा की सावित्री ठाकुर रहीं। वर्ष 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उमंग सिंघार को परास्त किया। अब तक इस क्षेत्र के केवल विक्रम वर्मा को ही राज्यसभा सदस्य बनवाकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
मनावर में आडवाणी ने कहा था कि हमारी सरकार बनेगी और अटलजी पीएम होंगे
वर्ष 1996 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के धार जिले में आगमन को लेकर विशेष तैयारी की गई थी। आयोजन के खर्च के लिए हर कार्यकर्ता से दो-दो रुपये लिए गए थे। उदेश्य एक ही था कि ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता इस आयोजन से जुड़ें। आदिवासी अंचल में मक्का की फसल सबसे अधिक होती है। ग्रामीणों ने सहयोगस्वरूप मक्का की उपज भी भाजपा नेताओं को दी। नेताओं ने इसे भी स्वीकार किया।
आडवाणी जब यहां पहुंचे तो भारी भीड़ देखकर पूछा क्या यहां आमसभा है। तब उन्हें बताया गया कि यह केवल कार्यकर्ता सम्मेलन ही है। आमसभा बाद में होगी और उसमें इससे कई गुना अधिक लोग रहेंगे। इससे प्रसन्न आडवाणी ने तब कहा था कि इस तरह का माहौल देशभर में बन रहा है। हमारी सरकार बनती है तो अटलजी देश के प्रधानमंत्री होंगे। छोटे से कस्बे में की गई इस घोषणा की तब देशभर में चर्चा हुई थी। बाद में भाजपा गठबंधन की सरकार बनी और अटलजी ही प्रधानमंत्री बने।
एक ही नारा बदलकर लगा लेते थे
वर्ष 1971 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के भारत सिंह और कांग्रेस के फतेह सिंह आमने-सामने थे। दोनों सगे काका-भतीजा थे। उस दौरान एक नारा बड़ा चर्चित हुआ था। इसमें भारतीय जनसंघ वाले नारा लगाते थे 'फत्तू (फतेह सिंह) ढोल बजाएगा, भारत दिल्ली जाएगा'। वहीं कांग्रेस की ओर से नारा लगाया जाता 'भारत ढोल बजाएगा, फत्तू दिल्ली जाएगा'। इस तरह से एक ही नारे को दोनों पार्टी क्रम बदल कर उपयोग कर लेती थीं। यह उस समय की चुनावी सरलता भी थी।
सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए हुए है धार
धार तीन भौगोलिक खंडों में फैला हुआ है। जिसमें उत्तर में मालवा, विंध्यांचल रेंज मध्य क्षेत्र में तथा दक्षिण में नर्मदा घाटी शामिल है। यह जिला भारत के सांस्कृतिक मानचित्र में प्रारंभ से ही रहा है। यहां के कई ख्यातनाम कलाकार ललित कला, चित्रकारी, नक्काशी, संगीत और नृत्य की विधा में सशक्त हस्ताक्षर रहे हैं।
आठ विधानसभा क्षेत्र
- बदनावर, सरदारपुर, गंधवानी, धार, कुक्षी, धरमपुरी, मनावर व डा. आंबेडकर नगर महू
कुल मतदाता- 16,58,975
पुरुष मतदाता- 8,30,700
महिला मतदाता- 8,28,221
थर्ड जेंडर- 54
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: पिछले करीब 15 सालों से नईदुनिया अखबार के लिए खेल की रिपोर्टिंग की है। क्रिकेट विश्व कप, डेविस कप टेनिस सहित कई प्रमुख मौकों पर विशेष भूमिका में रहा। विभिन्न खेलों की कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कव ...
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