Voter List 2024: मतदाता सूची में कैसे बढ़े ढाई लाख नाम, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
Voter List 2024: चार चरणों में होने वाले चुनाव बढ़ा रहे एक व्यक्ति के अलग-अलग जगह वोट डालने की आशंका।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 21 Mar 2024 09:59 AM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Mar 2024 01:03 PM (IST)
HighLights
- कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता बीते समय से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
- लोकसभा चुनाव से ठीक पहले स्थानीय नेताओं ने मतदाता सूची पर सवाल उठाए हैं।
- इंदौर लोकसभा क्षेत्र में बीते आम चुनावों से इस आम चुनाव के बीच एक लाख 62 हजार 611 मतदाता बढ़े हैं।
Voter List 2024: लोकेश सोलंकी, इंदौर। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता बीते समय से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले स्थानीय नेताओं ने मतदाता सूची पर सवाल उठाए हैं। निर्वाचन आयोग के नए और पुराने आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इंदौर लोकसभा क्षेत्र में बीते आम चुनावों से इस आम चुनाव के बीच एक लाख 62 हजार 611 मतदाता बढ़े हैं।
कांग्रेस के स्थानीय नेता दावा कर रहे हैं कि लोकसभा क्षेत्र में सिर्फ आठ विधानसभा सीटें आती हैं। यदि इंदौर जिले की महू विधानसभा के मतदाता के आंकड़े भी जोड़कर देखे जाएं तो मतदाताओं की संख्या में बीते चुनाव से इस चुनाव तक करीब ढाई लाख मतदाताओं का अंतर आ रहा है। निर्वाचन आयोग को बढ़े नामों को सार्वजनिक करना चाहिए।
निर्वाचन आयोग की ताजा सूची के अनुसार इंदौर संसदीय क्षेत्र के आठों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 25 लाख 13 हजार 191 मतदाता हैं। इंदौर जिले में कुल 27 लाख 95 हजार 751 मतदाता हैं। चार महीने पहले ही विधानसभा चुनाव हुए हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे जिले में मतदाताओं की संख्या 27 लाख 55 हजार 433 थी। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से तुलना करें तो चार महीनों में ही 40 हजार 318 नाम मतदाता सूची में शामिल हुए हैं।
कांग्रेस आरोप लगा रही है कि कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बीते विधानसभा चुनावों से पहले भी मतदाता सूची को संशोधित करने का आदेश दिया था। लाखों नाम हटाए गए थे। उसके बावजूद मतदाता सूची में बढ़े नाम शक पैदा करने वाले हैं। वकील और कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता प्रमोद द्विवेदी के अनुसार निर्वाचन कार्यालय की ओर से जानकारी मिली है कि जिले में करीब ढाई लाख मतदाता बढ़े हैं।
देखा जाए तो ये वे मतदाता होने चाहिए जो 2005 से 2006 के बीच पैदा हुए यानी उनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है। चार महीने पहले ही सूची विधानसभा चुनाव से पहले संशोधित हो चुकी है। उसके बावजूद नामों में ऐसी बढ़ोतरी अप्रत्याशित है। नाम बढ़ने और हटाने का खेल सवाल पैदा करता है।
एडवोकेट द्विवेदी के अनुसार नाम विलोपित भी होते हैं तो दावे-आपत्ति के आधार पर होते हैं या कोर्ट के आदेश या फिर मतदाता स्वयं के आवेदन के आधार पर। नाम जोड़े भी जाते हैं तो प्रक्रिया के तहत जुड़ते हैं। आकाश त्रिपाठी के कलेक्टर कार्यालय में इंदौर में फर्जी मतदाता परिचय पत्र बनाने का मामला भी पकड़ा गया था।
सरकार ने गुजरात की जिस कंपनी को कार्ड बनाने का ठेका दिया था, वहीं फर्जी परिचय पत्र बना रही थी। ऐसे में अवैध रूप से नाम बढ़ने का शक पुख्ता होता है। मेरे पास 64 हजार नामों की सूची तो आ गई है। हम जांच कर रहे हैं। जल्द ही खुलासा करेंगे।
लाखों नाम हटे तो बढ़े कैसे
कांग्रेस के रवि गुरुनानी जो निर्वाचन की स्थायी समिति में सदस्य भी हैं, कहते हैं कि हमने विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की गड़बड़ी पकड़ी थी। स्थानीय अधिकारियों ने शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया तो कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने तीन लाख से ज्यादा फर्जी या डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाने का आदेश दिया था। तब भी क्या कार्रवाई हुई ये रहस्य है। अब मनमाने तरीके से और नाम बढ़ना प्रक्रिया पर सवाल पैदा कर रहा है।
इस बारे में प्रक्रिया और सूचना भी सार्वजनिक नहीं की जा रही। शक है कि पढ़ने वाले विद्यार्थी जो कहीं और के निवासी है, उन्हें इंदौर का मतदाता बताया जा रहा है। बीते दौर की कुल 27 अपीलें राज्य सूचना आयोग के पास लंबित है। ये वे प्रकरण हैं, जिसमें मतदाता सूची को लेकर जानकारी मांगी गई है। अधिकारी बदल रहे हैं, लेकिन सूची सार्वजनिक नहीं हो रही।
चार चरण में चुनाव, गड़बड़ी की आशंका
छत्तीसगढ़ के विभाजन के बाद पहली बार मप्र में चार चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। 19 अप्रैल को पहले, 26 अप्रैल को दूसरे, 7 मई को तीसरे की और 13 मई को चौथे और अंतिम चरण की वोटिंग है। यानी हर चरण में 6 से 10 दिन का अंतर आ रहा है। ऐसे में एक से ज्यादा जगह मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने वाले मतदाताओं के लिए आसान होगा कि वे एक से ज्यादा सीटों पर मतदान कर सकें। सात-आठ दिन के अंतर में अमिट स्याही का निशान मिटाना और एक से दूसरी जगह जाना भी उनके लिए आसान होगा।
2024 (ताजा आंकड़े)
इंदौर संसदीय क्षेत्र: आठों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 25 लाख 13 हजार 191 मतदाता हैं। इनमें 12 लाख 68 हजार 93 पुरुष और 12 लाख 45 हजार एक महिला और 97 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। धार लोकसभा क्षेत्र में आने वाले इंदौर जिले के महू विधानसभा क्षेत्र में कुल दो लाख 82 हजार 560 मतदाता हैं। इनमें एक लाख 43 हजार 73 पुरुष, एक लाख 39 हजार 482 महिला और पांच थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
इंदौर जिला: जिले की नौ विधानसभा सीटों पर कुल 27 लाख 95 हजार 751 मतदाता हैं। इनमें 14 लाख 11 हजार 166 पुरुष, 13 लाख 84 हजार 483 महिला और 102 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
2019 लोकसभा चुनाव
इंदौर संसदीय क्षेत्र: आठ विधानसभा सीटों पर कुल 23 लाख 50 हजार 580 मतदाता थे।
इंदौर जिले में : नौ विधानसभा सीटों को मिलाकर 2019 आम चुनाव में मतदाताओं की संख्या 26 लाख 66 हजार 655 थी।
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: पिछले करीब 15 सालों से नईदुनिया अखबार के लिए खेल की रिपोर्टिंग की है। क्रिकेट विश्व कप, डेविस कप टेनिस सहित कई प्रमुख मौकों पर विशेष भूमिका में रहा। विभिन्न खेलों की कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कव ...
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