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मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) बहुत ही पवित्र त्योहार होता है, जिसमें तिल का दान और गंगा स्नान का बहुत महत्व होता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य देव मकर राशि यानी उत्तरायण में प्रवेश करते हैं, तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इस पर्व का देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है। मगर इन त्योहारों में एक बात बहुत ही कॉमन है, वह तिल का भोग है। इस दिन लोग तिल (Sesame Seeds or Til) से बने व्यंजनों का सेवन करते हैं और लोगों को खिलाते हैं।
तिल बहुत ही पौष्टिक होता है, जिसे आमतौर पर सर्दियों में खाया जाता है। अपनी गर्म प्रकृति की वजह से यह सर्दियों में शरीर को गर्माहट भी देता है। इसमें कई सोच में पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कैल्शियम, विटामिन ई और बी विटामिन के अलावा प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा का बेहतरीन स्रोत है। तिल का सेवन करने से हृदय संबंधी रोग और न्यूरोडीजेनरेटिव डिजीज सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की रोकथाम में योगदान करता है। तिल मुख्यता दो तरह के होते हैं, एक सफेद तिल तो दूसरा काला तिल के नाम से जाना जाता है।
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है काले और सफेद तिल के बीच सबसे बड़ा अंतर रंगों का है। एक का रंग काला है तो दूसरे का सफेद। एक्सपर्ट की मानें तो, काले तिल में छिलके मौजूद होते हैं, इसलिए सफेद तिल से ज्यादा पौष्टिक होते हैं और स्वाद में कड़वा होता है। काले और सफेद तिल में मौजूद पोषक तत्वों में थोड़े अंतर पाए जाते हैं। 2016 के अध्ययन में पाया गया कि काले तिल में सफेद तिल के मुकाबले एंटी ऑक्सीडेंट अधिक थे। सफेद तिल की तुलना में काले तिल में पोषक तत्वों के लाभ अधिक हैं हालांकि इस तथ्य को सिद्ध करने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
(Inputs By: Deepti Khatuja, Head Clinical Nutritionist, Fortis Memorial Research Institute, Gurugram)