मैं पेड़ काटकर कहता हूँ वातावरण का फिक्र है मुझे,
जान-बूझकर खुद को चोटिल कर, मरहम लगाना पसंद है मुझे।
लगाव है धुँए से कुछ ज़्यादा ही, धूम्रपान के बिना रहा नहीं जाता,
प्रदूषित हवा में कमज़ोर माँझे की पतंग उड़ाना पसंद है मुझे।
मैं अक्सर तेज़ आवाज़ में गाने सुन लिया करता हूँ,
बिन वजह के शांत लोगों को नाराज़गी दिलाना पसंद है मुझे।
रास्ते में चलते हुए यूँही, कुत्तों को गुठली फेंका करता हूँ,
छेड़ छाड़ करते हुए प्रकृति में, कदम जमाना पसंद है मुझे।
बेफ़िक्र सब बिगाड़कर औरों को ध्यान रखने कहता हूँ,
इंसान हूँ ना, साधारण जीवन को व्यंग बनाना पसंद है मुझे।
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